वाहन रजिस्ट्रेशन के नए नियम 2025: क्या 15 साल पुरानी गाड़ी की वैधता अब 20 साल है?
हाल ही में यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है कि केंद्र सरकार ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन की वैधता 15 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दी है। क्या यह सच है? आपके 15 साल पुराने वाहन का अब क्या होगा? इस पोस्ट में, हम आपको भारत सरकार के नए नियमों, RC रिन्यूअल प्रक्रिया और बहुचर्चित ‘व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी’ की पूरी और सटीक जानकारी देंगे।
क्या है 15 और 20 साल का सच?
सबसे पहले इस भ्रम को दूर करना जरूरी है। केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर सभी निजी वाहनों (Private Vehicles) की रजिस्ट्रेशन वैधता को 15 साल से बढ़ाकर 20 साल नहीं किया है। नियम आज भी यही है कि एक नए निजी पेट्रोल या डीजल वाहन का पहला रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए ही वैध होता है।
तो फिर 20 साल की बात कहाँ से आई? दरअसल, यह ‘राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति’ (National Vehicle Scrappage Policy) से जुड़ी हुई है। इस नीति का उद्देश्य पुरानी, प्रदूषण फैलाने वाली और अनफिट गाड़ियों को सड़कों से हटाना है। इस नीति के तहत निजी वाहनों के लिए 20 साल और कमर्शियल वाहनों के लिए 15 साल की आयु सीमा तय की गई है, जिसके बाद उन्हें स्क्रैप (कबाड़ में देना) करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
मुख्य बिंदु: आपकी गाड़ी की पहली RC 15 साल के लिए ही वैध है। 15 साल पूरे होने के बाद आपको इसे अनिवार्य रूप से रिन्यू करवाना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करवाते हैं तो वाहन चलाना गैरकानूनी है। 20 साल की सीमा स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत वाहन के ‘एंड-ऑफ-लाइफ’ को दर्शाती है।
15 साल बाद वाहन के लिए क्या हैं विकल्प?
जब आपका निजी वाहन 15 साल पुराना हो जाता है, तो आपके पास मुख्य रूप से दो विकल्प होते हैं:
- रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) का रिन्यूअल: यदि आपकी गाड़ी की कंडीशन अच्छी है और वह प्रदूषण मानकों पर खरी उतरती है, तो आप RTO में फिटनेस टेस्ट पास करके अपनी RC को अगले 5 वर्षों के लिए रिन्यू करवा सकते हैं।
- वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी का लाभ उठाना: यदि आपकी गाड़ी पुरानी हो चुकी है, मेंटेनेंस ज्यादा मांग रही है या फिटनेस टेस्ट में पास होने की उम्मीद कम है, तो आप इसे सरकार द्वारा अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर पर स्क्रैप करवा सकते हैं और सरकारी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
प्रक्रिया 1: RC रिन्यूअल कैसे करवाएं? (15 साल बाद)
15 साल के बाद अपनी गाड़ी की RC को अगले 5 साल के लिए वैध कराने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो गई है। इसका मुख्य कारण सरकार का पुराने वाहनों को हतोत्साहित करना है।
आवश्यक दस्तावेज़:
- आवेदन के लिए dûly भरा हुआ फॉर्म 25
- वाहन का मूल पंजीकरण प्रमाण पत्र (Original RC)
- वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC Certificate)
- वैध वाहन बीमा प्रमाणपत्र (Insurance Certificate)
- वाहन मालिक का एड्रेस प्रूफ (आधार कार्ड, वोटर आईडी)
- पैन कार्ड की कॉपी
- इंजन और चेसिस नंबर की पेंसिल प्रिंट
- वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो
रिन्यूअल की प्रक्रिया:
- RC की समाप्ति तिथि से 60 दिन पहले आपको रिन्यूअल के लिए आवेदन करना होगा।
- संबंधित RTO में सभी दस्तावेजों के साथ फाइल जमा करें।
- निर्धारित रिन्यूअल फीस और ग्रीन टैक्स का भुगतान करें।
- RTO आपके वाहन का फिजिकल इंस्पेक्शन और फिटनेस टेस्ट करेगा।
- इस टेस्ट में वाहन के इंजन, ब्रेक, लाइट, टायर और उत्सर्जन (Emission) की जांच की जाती है।
- सब कुछ सही पाए जाने पर, आपकी RC को अगले 5 वर्षों के लिए रिन्यू कर दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण: 15 साल बाद RC रिन्यूअल की फीस काफी बढ़ा दी गई है। उदाहरण के लिए, एक कार के रिन्यूअल के लिए अब लगभग ₹5,000 और बाइक के लिए ₹1,000 तक का खर्च आ सकता है, जो पहले बहुत कम था। देरी करने पर भारी जुर्माना भी लगाया जाता है।
प्रक्रिया 2: राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति 2025
यह नीति पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए बनाई गई है। इसका लक्ष्य प्रदूषण कम करना, सड़क सुरक्षा बढ़ाना और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देना है।
स्क्रैपेज पॉलिसी के मुख्य नियम:
- निजी वाहन (Private Vehicles): 20 साल से अधिक पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट पास करना होगा। यदि वे टेस्ट में फेल हो जाते हैं, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें स्क्रैप करना अनिवार्य होगा।
- वाणिज्यिक वाहन (Commercial Vehicles): 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट अनिवार्य है। फेल होने पर स्क्रैपिंग ही एकमात्र विकल्प है।
- सरकारी वाहन: केंद्र और राज्य सरकार के सभी 15 साल से पुराने वाहनों को अनिवार्य रूप से स्क्रैप किया जाएगा।
वाहन का प्रकार | आयु सीमा (स्क्रैपेज के लिए) | नियम |
---|---|---|
निजी वाहन | 20 वर्ष | फिटनेस टेस्ट अनिवार्य, फेल होने पर स्क्रैप |
वाणिज्यिक वाहन | 15 वर्ष | फिटनेस टेस्ट अनिवार्य, फेल होने पर स्क्रैप |
सरकारी वाहन | 15 वर्ष | अनिवार्य स्क्रैपिंग |
पुराना वाहन स्क्रैप कराने के फायदे:
अगर आप स्वेच्छा से अपना पुराना वाहन स्क्रैप कराते हैं, तो सरकार आपको कई तरह के प्रोत्साहन देती है:
- स्क्रैप वैल्यू: आपको अपनी पुरानी गाड़ी की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6% मूल्य स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा दिया जाएगा।
- जमा प्रमाणपत्र (Certificate of Deposit): स्क्रैपिंग सेंटर आपको एक प्रमाणपत्र देगा।
- नई गाड़ी खरीदने पर छूट:
- इस सर्टिफिकेट को दिखाने पर वाहन कंपनियां नई गाड़ी पर 5% तक की छूट दे सकती हैं।
- राज्य सरकारें नए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर रोड टैक्स में 25% (निजी वाहन) और 15% (कमर्शियल वाहन) तक की छूट दे सकती हैं।
- नए वाहन की रजिस्ट्रेशन फीस माफ हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
संक्षेप में, वाहनों की रजिस्ट्रेशन वैधता को 15 से 20 साल करने की खबर एक मिथक है। असल नियम यह है कि 15 साल बाद आपको अपनी निजी गाड़ी का फिटनेस टेस्ट पास करके RC को हर 5 साल के लिए रिन्यू कराना होगा, जो अब एक महंगा और सख्त प्रोसेस है।
सरकार की नई स्क्रैपेज पॉलिसी का उद्देश्य 20 साल से पुराने निजी और 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों को सड़कों से हटाना है। यदि आप एक पुरानी गाड़ी के मालिक हैं, तो आपके लिए यह बेहतर होगा कि आप गाड़ी की कंडीशन का आकलन करें और यह तय करें कि उसे रिन्यू कराना फायदेमंद है या स्क्रैप करके नई गाड़ी पर छूट का लाभ उठाना। यह न केवल आपके लिए आर्थिक रूप से बेहतर हो सकता है, बल्कि पर्यावरण और सड़क सुरक्षा के लिए भी एक जिम्मेदार कदम है।